उर्वशी और पुरुरवा एक प्रेम-कथा भाग 2.संध्या का समय था। महाराज पुरुरवा अपनी रानी औशीनरी के साथ राज उद्यान में टहल रहे थे। दोनों ही मौन अपने विचारों में लीन थे। महाराज पुरुरवा का मन एक अजीब से प्रश्न में उलझा हुआ था। उन्होंने रानी औशीनरी से वह प्रश्न किया,"रानी क्या आप बता सकती हैं कि प्रेम क्या है।"पुरुरवा का यह विचित्र प्रश्न सुनकर रानी कुछ