कई बार हम चाह कर भी अपने जज़्बातों पर काबू नहीं रख पाते और ज़हन में भारी कशमकश और हाँ.. ना से निरंतर जूझते हुए दिल के हाथों मजबूर हो कर ठीक उसी रास्ते पर चल पड़ते हैं जो हमारे लिए हितकर नहीं हैं। ऐसी ही कशमकश..ऐसी ही दुविधा..ऐसी ही हिचक से दो चार होने की कहानी को लिखा है लेखिका भूमिका द्विवेदी ने अपने नए उपन्यास "नौशाद" में।इस उपन्यास में मुख्य तौर पर कहानी है नफ़ीसा, शाहनवाज़, नौशाद और परवीन की। शायरी लिखने पढ़ने की शौकीन वो खूबसूरत नफ़ीसा, जो निज़ामाबाद के मरहूम रईस निज़ाम शाहनवाज़ अब्बासी की बेवा