मेहनत की कमाई

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नवीन के पिता साधारण सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।उनका कोई बड़ा व्यापार नहीं था।वह प्रतिदिन एक ठेला किराये पर लेते ।मंडी जाकर ताज़ा सब्ज़ियाँ और फल लाते और उन्हें बेचकर जो शाम को पैसे इकट्ठे होते,उनसे वहठेले के ठेकेदार को किराया देकर,बाक़ी बचे पैसों से घर के उपयोग की वस्तुओं के साथ में आटा,दालें चावल साथ लेकर आते थे। प्रतिदिन उनका नियम था कि नवीन और उसकी छोटी बहिन नीता के लिए वह कुछ अवश्य लाते थे। कभी नवीन के पिताजी खिलौने लेकर आते तो कभी खाने के लिए फल और