मोबाइल में गाँव - 14 - नामकरण की दावत

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नामकरण की दावत-14 दोपहर को वे सब मास्टरजी के घर गए । उनकी गाड़ी के रुकते ही मास्टरजी बाहर गेट तक आ गए तथा उन्हें अंदर लेकर गए । वहाँ कई लोग थे । घर भी छोटा था । दादाजी, पापा और चाचाजी बाहर बरामदे में बैठ गए जबकि दादीजी, चाचीजी, मम्मी, वह और रोहन अंदर चले गए । कमरे के अंदर से गाने की आवाज आ रही थी । उनको कमरे में आते देखकर वहाँ उपस्थित सभी आंटियों ने दादी का अभिवादन किया । दादी ने उनके अभिवादन का उत्तर दिया । इसी बीच एक