आई. जी. प्रभु ने अपने करियर की शुरुआत गुजरात राज्य पुलिस सर्विसेज से साल १९७९ में अहमदाबाद से की थी। करियर की शुरुआत से अंत तक उनके खाते में १२ एनकाउंटर भी जुड़ चुके थे। कहनेवालों की यदि सुनी जाए तो उनमें से ज़्यादातर एनकाउंटर फ़र्ज़ी थे। लेकिन जब तक सबूत नही तब तक कोई गुन्हेगार नही। प्रभु अपने सख्त रवैये के चलते हमेशा से ही सुर्खियों में बने रहते थे। लेकिन साल १९९९ में बनी सुर्खी ने आई.जी.प्रभु की जिंदगी को बिखेर कर रख दिया। साल १९९९ में हुए अमोल तुपिया एनकाउंटर केस में प्रभु को अपनी नौकरी से