पाप का प्रायश्चित

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बात लगभग सन् 1991-92 की है। बम्बई के दादर स्टेशन पर यात्रियों की अत्यंत भीड़ थी "शाने पंजाब" रेलगाड़ी अमृतसर जाने के लिए स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर जैसे ही पहुँची तो यात्रियों में भगदड़ सी मचने लगी। गाड़ी धीरे धीरे आकर रुकने लगी तो यात्री अपने सामान के साथ अपनी-अपनी सीटों पर बैठने के लिए एक दूसरे को धक्का मुक्की करते गाड़ी में चढ़ने लगे। इसी बीच कुछ जेबकट भी भीड़ का फायदा उठाते हुए लोगों की जेब काटने निकल गये। लगभग २० मिनट बाद दो जेबकट आपस में वार्तालाप करते हैं कि एक जेबकट दूसरे से- "यार