रत्नावली 21 अन्त

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रत्नावली रामगोपाल भावुक इक्कीस वृद्धावस्था आने पर ज्ञानी लोग महसूस करने लगते हैं कि वे मृत्यु के निकट पहॅुँच रहे हैं। इससे वे दुःखी नही होते। आखिर जर्जर शरीर से मुक्ति का अंतिम उपाय मृत्यु ही है। इस चिर सत्य को जानकर वे खिन्न नहीं होते बल्कि इससे उनका उत्साहवर्धन ही होता है। मृत्यु के बारे मे सोचने का क्रम रत्ना मैया का काफी दिनों से शुरू हो गया था। उनकी मृत्यु के लिए मानसिक तैयारी पूरी हो गयी थी। वे दिन पर दिन कमजोर होती जा रही थीं। समय ने सभी पात्रों की उम्र में