कलुआ एक जेबकतरा है। आठ नवम्बर 2016 को मोदीजी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा पीड़ित पक्ष अगर कोई है तो वह है कलुआ जैसे छोटे मोटे जरायम पेशा लोग। भारत में एक अनुमान के मुताबिक लगभग चालीस लाख लोग इस व्यवसाय में लगे थे और निर्मोही मोदीजी ने इनका तनिक भी विचार न करते हुए एक झटके में इतना बड़ा फैसला कर दिया। इतनी बड़ी आबादी के पेट पर लात मारने जैसा जघन्य अपराध मोदीजी कर ही चुके हैं। दया और इंसानियत तो मोदीजी में बिलकुल भी नहीं है।काला बाजारियों और अवैध कारोबारियों का तो पता नहीं कि उन्हें कोई