पुराने पन्ने इस सन् २०१६ के नवम्बर माह का विमुद्रीकरण मुझे उन टकों की ओर ले गया है साठ साल पहले हमारे पुराने कटरे के सर्राफ़, पन्ना लाल, के परिवार के पाँच सदस्यों की जानें धर ली थीं| अट्ठाइस वर्षीया उन की पत्नी, चन्द्रिका, की, दस महीने की उन की जुड़वाँ दो बेटियों की, उन की जरसी गाय की तथा उस गाय के नए ग्वाले, बिरजू, की| शामत वह जरसी गाय ही लायी थी| जिसे पन्ना लाल के ससुर हमारे कटरे की गोशाला में छोड़ गए थे| चन्द्रिका की दूसरी बरही पर| उन जुड़वाँ नवजात लड़कियों की खुशी में, जो