एक यात्रा समानान्तर - 2

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2 होटल के काॅरीडोर के आखिर में छोर पर है उसका कमरा, जहाँ इस समय वह अकेली लेटी हुई है. रात आहिस्ता आहिस्ता सरकती आ रही है, पर ड्रिंक्स के बावजूद भी उसकी आँखों में नींद नहीं है. शाम को मनोज ने हमेशा की तरह ज्यादा पी ली थी. इससे पहले कि वह सारी पी हुई उलट देता, शिखा उसे अपने कमरे में ले गई थी. कुछ देर वह निखिल और अपर्णा के साथ बैठी रही थी. एक तनाव सा घिर आया था. उसे याद आया कि एक समय था, जब वे तीनों सहजता से बातें किया करते थे. निखिल