विजित पोत यह संयोग ही था कि अस्थिर उन दिनों अंतर्राष्ट्रीय एक सेमिनार में भागीदारी के निमंत्रण पर स्वराज्या देश के बाहर, जिनेवा गयी हुई थीं जब स्वतंत्रता को कस्बापुर सरकारी अस्पताल में अपने उच्च रक्तचाप के कारण दाखिल होना पड़ा था| इधर दो वर्षों से उसका रक्तचाप लगातार घटता-बढ़ता रहता था और उसे नियंत्रण में लाने हेतु उसे अस्पताल के आई.सी.यू. में अक्सर रहना पड़ता, किन्तु हर बार स्वराज्या अनिवार्य रूप से उसके साथ बनी रहती थी और इस बार उसके पास न रहने पर स्वतंत्रता के मन में डर बैठ गया था, वह अब बचेगी नहीं| पिता ज्ञानचन्द