भारत के गावों में स्वतंत्रा संग्राम - 9

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9 आज़ाद बचपनअगली शाम ऐक उद्घोषणा होती है, अगली शाम गांव के विद्यालय के मैदान में भारी भीड़ जुट गई। वहां आसपास के गाँव के लोग भी पंडित के गांव में इकट्ठे हो गऐ थे। वहां ऐक मेला सा लग गया था। मैदान के ऐक सिर पर ऐक ऊँचा मंच बनाया गया था। उसके सामने ऐक मखमली सुंदर सुनहरा पर्दा टांग दिया गया जो ऐक सीटी के साथ खुलता बंद होता था। उस दिन शहीद भगतसिंग के बलिदान पर आधारित ऐक महान नाटक खेला जाना था। प्रिय दर्शको! आज आपके समक्ष महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद के बचपन की ऐक