डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 6

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6 सब उस शीशे में देखकर हैरान हो रहे थें, गौरव एक पेड़ पर बैठा हुआ था और अब उल्लू बन चुका था । जो फल उसने खाया था, वह फल सिर्फ उल्लू खाते थें। हाय ! मेरा गौरव क्या वो कभी ठीक हो सकेगा।" नितिशा ने मायूस होकर पूछा तो नेयसी के पास इसका कोई ज़वाब नहीं था । "नाटे राक्षस किस लड़की की बात कर रहे थें ? क्या हम जानबूझकर इस जंगल में फँसाया गया हैं?" तारुश के सवाल बढ़ते जा रहे थें और सब ख़ामोशी से सुन रहे थें। तभी नेयसी ने डंडा फिर घुमाया और