मैं इतिहास बोल रहा हुॅ मैं इतिहास बोल रहा हुॅ । मै वो इतिहास हुँ जो शायद आप का हो सकता है,किसी जीवित या अजीवित वस्तु का हो सकता है या किसी जमीन के टुकड़े का हो सकता है । मैं वो हुॅ जो हमेशा जीवित रहता है और हमेशा ही बनता रहता है । आप हमेशा ही एक लकीर पर जीते है यह लकीर भविष्य की ओर सरकती रहती है जिससे मेरा विस्तार लगातार ही होता रहता है । वर्तमान केवल वह पल है जिसे आप अभी जी रहे है । इस पल के बाद वो आपका इतिहास