निःसंतान राजा की अचानक मृत्यु हो गई! दरबारियों में व राज्य की प्रजा में शोक की लहर दौड़ गई। सूनी राजगद्दी को देखते हुए प्रधान बहुत चिंतित थे। आखिर गद्दी किसे सौंपी जाए? यह यक्ष प्रश्न सभी के सामने था। सभी दरबारियों की सहमति से इसपर कोई फैसला करने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई। मंत्रियों की बैठक में राज्य के राजपुरोहित भी शामिल हुए! बैठक में सबने अपनी अपनी पसंद व परिचय के एक से बढ़कर एक काबिल व्यक्तियों का नाम सुझाया जिसपर विमर्श होने के बाद मंत्रियों में सहमति नहीं बन पाई। इससे पहले कि बिना किसी फैसले के