जनजीवन - 10

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भ्रूण हत्या उसकी सजल करुणामयी आँखों से टपके दो आँसू हमारी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारो पर लगा रहे हैं प्रश्नचिन्ह? कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध और अमानवीयता की पराकाष्ठा है, सभी धर्मों में यह है महापाप, समय बदल रहा है अपनी सोच और रूढ़ियों में लायें परिवर्तन, चिन्तन, मनन और मंथन द्वारा सकारात्मक सोच के अमृत को आत्मसात किया जाये लक्ष्मीजी की करते हो पूजा पर कोख में पल रही लक्ष्मी का करते हो तिरस्कार उसे जन्म के अधिकार से वंचित मत करो घर आई लक्ष्मी को प्रसन्नता से करो स्वीकार ऐसा जघन्य पाप किया तो लक्ष्मी के