चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 27

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चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 27 डगलस और मैंने उस रात को एक बहाना मारा। जाने से पहले मैंने कांसटेंस से यह बहाना बनाया कि मैं बीमार हूं, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। इसलिए मैंने तय किया कि मैं सिरदर्द का नाटक करूंगा और जल्दी निकल जाऊंगा। फेयरबैंक्स ने कहा कि वे भी बहुत नर्वस हैं और कि जिस वक्त दरवाजे की घंटी बजी तो वे जल्दी से तलघर में सरक लिये। वहां पर एक बिलियर्ड की मेज़ रखी थी। उन्होंने पूल खेलना शुरू कर दिया। उस रात आजीवन चलने वाली मित्रता की शुरुआत थी। ये बिना