एक दुनिया अजनबी - 32

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एक दुनिया अजनबी 32- सब सहम गए थे, मृदुला बिलकुल भी अपने पिता के पक्ष में नहीं थी | उन्हें देखकर वह पगला गई थी जैसे | उसकी माँ बेचारी का रो-रोकर बुरा हाल था | उसकी इतनी प्यारी बच्ची उसके सामने थी जो उसे स्वीकार नहीं कर रही थी | "आपकी कोई गलती नहीं है माँ ---"मृदुला ने अपनी जन्मदात्री के आँसू पोंछे | "आप मज़बूर थीं, मैं समझती हूँ --आप जन्मदात्री हैं, भाग्यदात्री नहीं | लेकिन आप ही सोचिए , क्या मुझे हर समय यह याद नहीं रहेगा कि मुझे कूड़ा समझकर अस्पताल में ही छोड़ दिया गया था और मेरे मरने की