एक दुनिया अजनबी - 29

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एक दुनिया अजनबी 29- "चलो, पहले आँसू पोंछो ---"विभा ने साधिकार कहा | वॉशरूम में ले जाकर उसके मुह -हाथ धुलवाए, साफ़, धुला हुआ नैपकिन उसे दिया | हाथ-मुह धो-पोंछकर अब वह पहले से बेहतर स्थिति में थी | अब वह सलीके से सोफ़े पर आकर बैठी थी, अपने -आपको सँभालते हुए | विभा उसके लिए शर्बत और कुछ नाश्ता ले आई थी | "लो, खा लो मृदुला, ख़ाली पेट लगती हो ? मालूम है, ज़्यादा देर ख़ाली पेट नहीं रहना चाहिए ? " मृदुला कुछ बोल नहीं सकी, उसकी ऑंखें बोल रही थीं, कुछ शेयर करना चाहती हो जैसे किन्तु कोई बहुत