” हाँ रमेश ! उस इंसानियत के पुजारी का नाम असलम ही है । ” राखी हैरान हो रहे रमेश के चेहरे को मासूमियत से देखते हुए बोली । ” यानी मुसलमान है वह सिपाही ? ” रमेश के चेहरे पर अभी भी अविश्वास के भाव थे । राखी के अधरों पर मुस्कान और गहरी हो गयी ” तुम्हारी कमी यही है रमेश ! तुम हर इंसान को धर्म का चश्मा लगाकर ही देखते हो और उसीके अनुसार उसके बारे में अपनी धारणा बना लेते हो । “ पीड़ा के भाव अब रमेश के चेहरे पर साफ झलक रहा था । साफ दिख