आजादी - 22

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रोहित की बातें सुनकर राहुल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ । उसने जो बताया था इस बात का उसे बखूबी भान था । उसे इस बात का अहसास था कि यह अच्छे लोग तो कतई नहीं थे । उसने धारावाहिकों में भी इस तरह की कहानियां देखी थी । रोहित को हिम्मत बंधाते हुए राहुल ने कहा ” बहुत अच्छा किया तुमने इनकी बात मानकर । अब कमसे कम तुम्हें खाना तो मिलेगा ही और कैद से भी निकल कर बाहर घूमने का मौका मिलेगा । और कुछ करते हुए यहाँ से निकलने के बारे में भी सोच सकते हो