रत्नावली रामगोपाल भावुक बारह राजापुर गॉँव यमुना की कछार में बसा है और रत्नावली का घर यमुना के किनारे पर। घर का मँह यमुना की तरफ खुलता है। घर से निकलते ही दिखता है, यमुना का प्रवाह। भरपूर फसलें देने वाली उपजाऊ मिट्टी।.... बसन्त के सुहावने मौसम की समाप्ति। मौसम का परिवर्तन। लोग बीमार पड़ने लगे। छूत के रोग की तरह बीमारियॉँ गाँव भर में फैल गयी। हरको व रामा भैया लोगों की सेवा में लग गये। रात तारापति खूब खीजा। उसे चुप कराने में रत्नावली रुऑँसी हो गयी। फिर भी वह चुप न