रत्नावली 7

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रत्नावली रामगोपाल भावुक सात नाव राजापुर के घाट लगी। घाट पर कुछ लड़के खड़े थे। रत्ना मैया को देखकर चिल्लाने लगे-‘मैया आ गयीं। मैया आ गयीं।‘ मैया नाव से उतर आयीं। एक लड़के ने आगे बढ़कर तारापति को ले लिया। गणपति मैया का सामान लिए था। घर यमुना के किनारे पर ही था। घाट से ऊपर चढ़कर ऊॅंचे पर घर बना था, जिससे बाढ़ के वेग से बचा रह सके। सभी घर आ गये। शास्त्री जी के समय से ही घर के कामकाज में मदद एक महिला करती थी। उसका नाम था हरको। हरको के