राजकुमार आदित्य राजगढ़ का राजकुमार था, महाराज, महारानी की इकलौती संतान।सात साल का राजकुमार अत्यंत कुशाग्र बुद्धि ,सुंदर शक्ल-सूरत का बालक था।माता-पिता के साथ पूरे महल के लोग,सेवक,सेविकाएं,मंत्री सभी उसे बेहद प्यार करते थे।अत्यधिक लाड़-प्यार के कारण वह अत्यधिक शरारती हो गया था।अपने हमउम्र बच्चों के साथ जब वह खेलता तो हारते ही क्रोधित हो जाता था और खेल या तो बिगाड़ देता था, या सभी को भगा देता था।साथी बच्चे यह कहाँ सोचते थे कि राजकुमार को हमेशा जिता दें,बच्चे तो आपस में सभी को बराबर ही समझते हैं।उसके अंदर एक और गन्दी आदत आ गई थी।जब वह