श्रीलाल शुक्ल बिश्रामपुर का संतराजनीतिज्ञों के भीतरी सिद्धांत की खोखली गाथा:राजनारायण बोहरेहिन्दी उपन्यास की जोरदार खेप पिछले पाठकों के समक्ष आई है, इस समृद्ध खेप में सब तरह के उपन्यास मौजूद है, खुशी की बात यह है कि इन दिनो सृजन में जुटे रचनाकारों को जहां तमाम नए लोग पूरी तैयारी तथा होमवर्क के साथ आए है, वही पुराने लोग अपने सामर्थ्य और क्षमता का बेहतर प्रयोग करके रचनाकर्म कर रहे हैं, अपने एक सशक्त और बेजोड़ उपन्यास राग दरबारी से बहुचर्चित व प्रशंसित हुए लेखक बिश्रामंपुर का संत भी हिन्दी उपन्यासों मे मील का एक पत्थर कहा जाएगा। श्री