एकांकी-मालती माधवम्

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एकांकी-मालती माधवम् भवभूति मंचपर उपस्थित होकर- मैं भवभूति आज अपने नाटकों में स्वयं को खोजने के लिये उत्सुक हूँ ! इनमें मैं कहाँ-कहाँ हूँ ? अरे ! अरे! याद आया मालती माधवम् नाटक में माधव के रूप में मैं ही तो हूँ । चलिये, इस दृष्टि से हम इस नाटक का अवलोकन करें । सूत्रधार आ रहा है मुझे सूत्रधार के आने से नेपथ्य में चले जाना चाहिये । (मंच के एक ओर से भवभूति का जाना और दूसरी ओर से सूत्रधार का आना ) सूत्रधार - दक्षिण देश में पद्मपुर नामक नगर है वहाँ पर तैतरीय