महोब्बत (व्यंग्य )

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महोब्बत (व्यंग्य ) आजकल मजनु बहुत ही उदास है । वो खोया-खोया रहता है । रेड़ियो पर बज रहे जुदाई के गीत तो उसे रुला ही देते है । उसके यार-दोस्त भी हैरान और परेशान हैं। ये लैला -मजनु का किस्सा कुछ ही दिनों पहले आटा चक्की से प्रारम्भ हुआ । यहाॅं मजनु को लैला मिली ; और लैला को मजनु । बस बातों ही बातों में मोबाईल नम्बरों का आदान-प्रदान हो गया और साथ ही किस्सा चल निकला ।