कब्ज़े पर

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कब्ज़े पर अपनी दूसरी शादी के कुछ समय बाद पापा मुझे मेरी नानी के घर से अपने पास लिवा ले गए. “यह तुम्हारी स्टेप-मॉम है,” अपने टॉयलेट के बाद जब मैं लाउन्ज में गई तो पापा ने मुझे स्टेप-मॉम से मिलवाया. वे मुस्करा रही थीं. “हाऊ आर यू?” अजनबियों से पहचान बढ़ाना मैं जानती हूँ. “हाथ की तुम्हारी अँगूठी क्या सोने की है?” स्टेप-मॉम मेरी माँ की एक अच्छी साड़ी में मेरी माँ के गहनों से लकदक रहीं. “यह अँगूठी माँ की है,” मैंने कहा. माँ के अंतिम स्नान के समय जब माँ की अँगुली से यह अँगूठी उतारी गई