जनजीवन - 6

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आस्था और विश्वास आस्था और विष्वास हैं जीवन का आधार दोनों का समन्वय है सृजनशीलता व विकास। विश्वास देता है संतुष्टि और आस्था से मिलती है आत्मा को तृप्ति। इनका कोई स्वरूप नहीं पर हर क्षण कर सकते हैं इनका एहसास व आभास। विश्वास से होता है आस्था का प्रादुर्भाव, किसी की आस्था एवं विश्वास पर कुठाराघात से बड़ा नहीं है कोई पाप, परमात्मा के प्रति हमारी आस्था और विश्वास दिखाते हैं हमें सही राह व सही दिशा बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय हो हमारी आस्था और विश्वास यही होगा हमारी सफलता का प्रवेश द्वार।