पृथ्वी के केंद्र तक का सफर - 23

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चैप्टर 23 अकेलापन। इस बात को सच में स्वीकारना होगा कि अब तक हमारे साथ सब अच्छा ही हुआ था और मैंने भी कुछ ज़्यादा शिकायतें नहीं की थी। और अगर तकलीफें नहीं बढ़ीं, हम सही-सलामत अपने गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। हमारे लिए वो बेमिसाल पल होगा! मैंने फिर से पुराने जोश के साथ प्रोफ़ेसर से बात करना शुरू कर दिया था। क्या मैं गंभीर था? दरअसल यहाँ सबकुछ इतना रहस्यमयी था कि समझना मुश्किल था कि मुझे क्यों इतनी जल्दी है।उस यादगार पड़ाव के बाद से रास्ते और ज़्यादा डरावने और खतरनाक हो गए थे बहुत ज़्यादा सीध