मानस के राम (रामकथा) - 48

  • 4.1k
  • 1
  • 1.3k

‌ मानस के राम भाग 48कालनेमि द्वारा हनुमान का रास्ता रोकनारावण ने अपने दूत शुक को सारी बातों का पता लगाने के लिए भेजा था। वहाँ जो कुछ हुआ उसके बारे में बताने के लिए वह रावण के दरबार में उपस्थित हुआ। उसने रावण को सब कुछ बता दिया। सब सुनकर इंद्रजीत ने ज़ोरदार अट्टहास कर कहा,"सुषेण वैद्य ने जो उपाय बताया है उसका पूरा होना असंभव है। अब लक्ष्मण की मृत्यु तय है। उसके