मानस के राम (रामकथा) - 46

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‌ मानस के राम भाग 46राम तथा लक्ष्मण का नागपाश में बंधनाइंद्रजीत लक्ष्मण के आने की प्रतीक्षा कर रहा था। राम से विजय का आशीर्वाद प्राप्त कर लक्ष्मण युद्धभूमि में पहुँचे। उन्हें देखकर इंद्रजीत ने कहा,"आज तुम्हारी मृत्यु तुम्हें युद्धभूमि में खींचकर लाई है। मैं तुमसे अपने भाई अतिकाय के वध का प्रतिशोध लेने आया हूँ।"लक्ष्मण ने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा,"मैं भी अपने भ्राता का आशीर्वाद प्राप्त कर तुम्हारे अहंकार को अपने