नहीं रह सकी तुम सिर्फ मेरे लिए

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नहीं रह सकी तुम सिर्फ मेरे लिएआर 0 के 0 लालमम्मी! तुमको क्या यह बात हजार बार बतानी पड़ेगी या लिख कर दूँ कि इस तरह का खाना मैं नहीं खा सकता। रोज-रोज एक ही नाश्ता तुम बनाती हो, वही अंकुरित मूंग और दलिया। आज मैं कुछ खा नहीं रहा हूं ऐसे ही ऑफिस जा रहा हूं। तुम घर के दूसरे लोगों के हिसाब से रसोईं बनाओ और उन्हें खिलाओ। मैं तो यह सब नहीं खाने वाला। सुमित ने सुबह ऑफिस जाते हुयेहंगामा माचाया।उसकी मम्मी पूजा ने बड़े प्यार से उसे समझाने की कोशिश की, “अरे बेटा सुनो तो! क्यों