शुभ-चिन्‍तक

  • 8.3k
  • 1.1k

लघु-कथा-- शुभ-चिन्‍तक आर. एन. सुनगरया, स्‍वजीवीपन, स्‍वार्थ चालाकी साजिष, असम्‍वेदनशीलता, वास्‍तविकता का अवमूलन, मर्यादाओं का उलंघन, अशिष्‍टाचार, झूठा आत्‍मविश्‍वास, यथार्थ स्थिति को अनदेखा करना, इत्‍यादि ये सब, जब