सीमित आकाश

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कॉलेज से घर में प्रवेश करते हुए रंजना को थकान सी महसूस हो रही थी, लेकिन उसके चेहरे पर गर्व, प्रसन्नता और मुस्कान का भाव था घर में कोई नहीं था। बच्चे स्कूल गए हुए थे और पति भी अपने कॉलेज में थे। वह अपनी प्रसन्नता किसी के साथ बाँटना चाहती थी। अनजाने ही उसके हाथ फोन की ओर बढ़ गए। उसने विजय भाव से कहा, "मम्मी, आपके आशीर्वाद से आज मैंने अपने कॉलेज में इलेक्शन सफलतापूर्वक सम्पन्न करवा लिए हैं। कल तो अध्यक्ष पद के लिए खड़े प्रत्याशियों में कुछ तनाव हो गया था, इसलिए सबको डर था कि