समय, मैं और वादा

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एक बात तो सही ही है कि परीक्षाएं हर मोड़ पर होती है पर किस परीक्षा में उत्तीर्ण होते हो और किस में अनुत्तीर्ण ये समय और स्तिथि पर निर्भर करता है समय और स्तिथि दोनो ही आपके वो अध्यापक है जो आपको आपकी गलतियों के द्वारा आपको अनुभवों का बोध कराता है, यदि उन गलतियों से भी ना सीख सके तो आप एक ऐसी जगह पर मात खा जाते है जहां आपको लगता है कि यहाँ तो मात मिलेगी ही नही। अब कहानी की ओर चलते है ये कहानी ऐसे ही एक सम्बंध की