सुलझे...अनसुलझे - 19

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सुलझे...अनसुलझे भावों की दुनिया ----------------------- कहते है जब बुढ़ापा आता है तो व्यवहार बच्चों जैसा हो जाता है। कुछ हद्द तक यह कथन सच जान पड़ता है क्योंकि बुढ़ापे की ज़िद्द कुछ-कुछ बच्चों जैसी हो जाती है। जिसकी वज़ह से कई बार व्यवहार बच्चों जैसा प्रतीत होता है। बढ़ती उम्र के बच्चे शरीर और मस्तिष्क से सबल हो रहे होते है मगर बुजुर्ग इन दोनों ही दृष्टि से निर्बल। इसलिए उन दोनों के व्यवहार में सिर्फ कुछ प्रतिशत ही एक-सा होना माना जा सकता है। जिस तरह बच्चे ज़िद करते हुए कभी अच्छे लगते है तो कभी परेशान करते है|