सुधार गृह

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"अरे!! लड़का तो शरीफ है हमारा, बस मोहल्ले के लड़कों ने इसे बिगाड़ दिया है। इसका ब्याह कर दूंगी तो सुधर जाएगा। कोई लड़की बताओ जीजी! कम पढ़ी लिखी हो, चाहे कितनी भी गरीब हो, अपने ही घर के जोड़े में विदा कर लाऊंगी।" - शांति जी ने नीलम जी से कहा।शांति जी का बेटा माधव, था तो सिर्फ 21 बरस का; पर शायद ही कोई ऐसा ऐब होगा जो उसमें नहीं था।गली पड़ोस में जब भी कोई बेटे की शिकायत लेकर आता तो वो एक ना सुनती बल्कि अपने बेटे की ही हिमायत करती थीं।माधव को एक दिन उसके