जीवन का सत्य

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जीवन का सत्य एक सुप्रसिद्ध महात्मा जी से एक नेताजी ने पूछा कि वे चाहते है कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनके परिवार का भविष्य व्यवस्थित रहे। महात्मा जी ने मुस्कुराते हुए कहा कि व्यक्ति केवल सोच सकता है, प्रयास कर सकता है लेकिन अंतिम निर्णय और परिणाम तो ईष्वर और भाग्य के हाथ होता है। तुम स्वयं अपना भविष्य नही जानते और दूसरों के भविष्य की चिंता कर रहे हो। यह दुनिया जब तक व्यक्ति जीवित है तब तक कुछ और होती है और उसकी आंख मुंद जाने के बाद कुछ और हो जाती है। यदि तुम