प्राचीन काल से ही भारत में समुदायों के बीच भेदभाव देखा गया है। प्राचीन भारत ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शुद्र जातियों में विभक्त था। जिनके कार्य भी उनकी जाति के अनुसार विभक्त थे। जैसे केवल ब्राह्मण जाति को ही धार्मिक अनुष्ठान करने का अधिकार प्राप्त था। ब्राह्मण के घर जन्मा बच्चा भी जन्म-जात ब्राह्मण ही कहलाता था। इसके विपरीत शूद्र केवल सेवा करने के लिए बाध्य थे। शुद्रो को धर्म उपदेश पढ़ने का भी अधिकार नहीं था। इस प्रकार ब्राह्मण समुदाय का विकास होता गया और निम्न समुदाय के लोग निम्न ही रह गये। जब भारत आजाद हुआ तो इस