किस्से ज़िन्दगी के....ज़िन्दगी कभी किस्सों में तो कभी हिस्सों में सिमटी सी रहती है ।ये किस्से कभी किसी शाम यूँ ही सड़कों पर चलते यादों की रोशनी से उजागर हो जाते हैंतो कभी लाल बत्ती के हरे में तब्दील होने के इन्तेज़ार में अपनी जगह बना लेते है।ऐसा ही ज़िन्दगी का एक किस्सा जिससे एक रोज़ मैं कहीं टकरा गई , आपके साथ सांझा करती हूँ। "अगर ज़िन्दगी क़िस्सों से भरी है , तो खुशियां किसी खोयी हुई वस्तु के वापस मिल जाने पर