कुछ तो कहो गांधारी -लोकेन्द्र सिंह कोट प्रकाशक-कलमकार ,जयपुर - मूल्य-१५० रु ,पृष्ठ ९४ डॉक्टर लोकेन्द्र मेडिकल कालेज रतलाम में काम करते हैं,वित्त मंत्रालय ,पंचायती राज विभाग भारत सरकार से पुरस्कृत है भील संस्कृति का गहरा अध्ययन किया है महिलाओं पर भी काफी लिखा है याने काफी काम किया है और लगातार कर रहे हैं ,उनका पहला उपन्यास आया है –कुछ तो कहो गांधारी नाम ये यह लगता है की यह रचना शायद पौराणिक कथानक है लेकिन ऐसा नहीं है है. लेखक ने कहा है—समाज की दो प्रमुख जीवन रेखाओं में नदी और स्त्री को रखा जाना चाहिए.लेकिन ऐसा होता