पत्थर की मूरत

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छमाही इम्तिहान के नतीजे घोषित हो चुके थे । कमल को सत्तर प्रतिशत अंक मिले थे । अपने इस प्रदर्शन से वह स्वयं ही काफी निराश था । लेकिन वह इससे भी ज्यादा परेशान था परिचित लोगों के अफ़सोस जताने से ।नतीजे देखकर पहले तो स्कूल में उसके वर्ग शिक्षक ने ही नाराजगी जताई ” यह क्या कमल ! अभी यह हाल है तो वार्षिक परीक्षा में क्या करोगे ? हमने तो तुमसे उम्मीद लगा रखी थी कि तुम इस साल हमारे स्कूल को मेरिट में स्थान दिलाओगे । लेकिन अभी का तुम्हारा प्रदर्शन देख कर लगता है हमारे स्कूल