मानस के राम (रामकथा) - 24

  • 5.9k
  • 1.4k

मानस के राम भाग 24बाली का प्राण त्यागनाजब बाली के वध का समाचार किषकिंधा पहुँचा तो वानरों में अफरा तफरी मच गई। अपने व्यक्तिगत दुख को भुला कर तारा ने वानरों को शांत कराया। वानरों को तसल्ली देने के बाद वह उस स्थान पर गई जहाँ बाली का शव पड़ा था। बाली को भूमि पर गिरा हुआ देख कर तारा उसके समीप बैठ कर विलाप करने लगी,"हे प्राणनाथ आपने अपने जीवन में कितने बलशाली योद्धाओं