पिता, पुत्र और मतभेद

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बचपन, कितना प्यारा होता है ये हम सब जानते है कोई चिंता नही होती, बस एक हट कि ये चाहिए वो चाहिए और एक अलग ही दुनिया मे काल्पनिकता के बीच मस्ती में गुज़रता चला जाता है।ये कहानी एक पिता और पुत्र के बीच हुए मतभेदों की है जिसमे पिता अपने जीवन के अनुभवों को अपने पुत्र के आने वाले भविष्य के लिए बाँटना चाहता है पर पुत्र में हट होंंने के कारण दोनों में मतभेद और फिर मनमुटाव शुरू होने लगता है। पिता पुत्र को समझाने की कोशिश में उसको डांटना और मारना, इसी बीच अपने पुत्र को भावनाओं