सौतेली मां

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क्हानी- छप्पर में से पड़ रहे टपके से एक बूंद और शरीर पर गिरी। उसके सारे शरीर में सिहरन आ गई। कमरे में नजर फेंकी तो सारा कमरा टप टप के शोर से भरा हुआ था, तिल रखने को भी जगह न थी। अपनी जगह पर ही गुड़ीमुड़ील होकर पड़ा रहा। लगता था कि पूरी अटारी टप टप टपक रही थी। वर्षा की टप टप को चीरते हुए एक तेज हंसी की आवाज गूंजी, तो उसने पहचाना, नीचे के कमरे में से आरही अमृत की ही आवाज थी। अमृत उसका बड़ा बेटा है जो कभी उसकी अनन्य सेवा करता