खुशियों की चाबी

  • 4.8k
  • 1.7k

खुशियां कभी भी धन ,पद,प्रतिष्ठा की मोहताज नही है।कुछ साल पहले एक मित्र की शादी हुई लेकिन इस लड़की से शादी करने का उसका मन नही था।तो भी घरवालो ने करवा दी।शुरू के दिनों में बीवी से बस नाम मात्र के ही सम्बंध रहे क्योंकि वो उसे पसंद नही करता था लेकिन आज की स्थिति ये है कि अपनी पत्नी के लिए उसका प्यार और सम्मान अगाध है।दूसरी तरफ एक परिचित के बेटे ने घरवालो से लड़ झगड़कर प्रेम विवाह किया।अभी कुछ ही दिन पहले की बात है कि पति पत्नी में कचहरी में ही चप्पल बाजी हुई है।जो शादी