जिंदगी रुकती नहीं

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मुनिया ने सुबह उठकर देखा, उसके दादाजी बालकनी में बैठे अकेले चाय पी रहे हैं। उनको देखने से लग रहा था कि वे बहुत उदास और दु:खी है । मम्मी रसोई में काम कर रही थी, पापा भी अपने काम में व्यस्त थे उसने घड़ी पर नजर दौड़ाई, सुबह के सात बजने वाले थे। वह भी जल्दी - जल्दी तैयार होने में जुट गई । सात बजे स्कूल बस आ जाती है और देर होने पर आज भी छुट्टी हो जायेगी, तब मम्मी तो डाँटेगीं ही, साथ ही आज की पढ़ाई भी खराब होगी। वह बैल्ट और टाई लगा ही