डॉक्टर माथुर को यह उम्मीद थी कि लालाजी अमर के बारे में पूछ कर उससे मिलने के लिए बेताब हो जायेंगे लेकिन धनिया के बारे में पूछ कर सुशिलाजी ने डॉक्टर माथुर के ह्रदय में अपनी इज्जत बढ़ा दी थी । उन्हें अमर के कथन पर अब यकीन होने लगा था ।संयत स्वर में माथुरजी ने लालाजी को बताया ” धनिया अब बिलकुल ठीक है लालाजी ! आप चाहें तो अब धनिया से मिल सकते हैं । ”अभी लालाजी कुछ जवाब देते कि , सुशिलाजी पहले ही बोल पड़ीं ” बहुत बहुत धन्यवाद डॉक्टर साहब ! ” फिर लालाजी से