इस कहानी का मुख्य पात्र अक्षिता नाम की लड़की हैं, वह १२ वीं कक्षा में पढ़ती हैं।इस कहानी का शीर्षक आपको थोड़ा सा अजीब लगा होगा! यह कहानी वैसे तो थोड़ी सी नोर्मल ही हैं। हर लड़की एक बार तो इस परिस्थिति का सामना करती ही हैं, परंतु अक्षिता इस परिस्थिति का सामना कैसे करती हैं, वह थोड़ा सा मज़ेदार लगेगा। इस कहानी को हम अक्षिता के दृष्टिकोण से ही देखते हैं। मैं रोज़ सुबह ७:०० बजे पाठशाला